आप क्यों परेशान हैं?
आप की कुण्डली में कालसर्पयोग हो सकता है!कालसर्पयोग के लक्षण
– क्या आपके बनते कार्य बनते-बनते रूक जाते हैं?
– क्या योग्यता के अनुसार सफलता प्राप्त नहीं हो रही है?
– लड़के ही या, लड़कियाँ ही हैं या पत्नी बीमार रहती है?
– कन्या के विवाह में बाधा आ रही है?
– क्या आपका एक पक्ष शून्य है?
तो आप की कुण्डली में कालसर्पयोग हो सकता है!
महाकाल/अर्द्धकाल सर्पयोग का निवारण है !
अखिल भारतीय ज्योतिष विचावर संस्थान (रजि.) उरई यू.पी. के दिल्ली केन्द्रीय कार्यालय के तत्वाधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ज्योतिष विचार मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक प्रसिद्ध भविष्य वक्ता डाॅ. के. पी. द्विवेदी शास्त्री के कुशल निर्देशन में, ‘अमृत कलश’ के सन्निध्य में प्रयोग आयोजित किया जा रहा है. आप इस अवसर का लाभ उठायें एवं सम्पर्क करें।
क्या है ये कालसर्पयोग ?
जिन जातक जातिकाओं की जन्म कुण्डली में राहूू और केतु के बीच सभी ग्रह हैं तो उनकी कुण्डली में कालसर्प योग (पितृ दोष) है। जिसके फल स्वरूप एक पक्ष शून्य हो जाता है। व्यक्तित्व के अनुसार लाभ नही मिलता है। बने बनाये कार्य बिगड़ रहे हैं।‘कन्या’ की कुण्डली में यह योग घर-वर बड़े मुश्किल से मिलने देता है। माता-पिता परेशान रहते हैं।
संपर्क करे
जन कल्याणार्थ ग्रहण योग से ग्रसित जातक निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।आप इस अवसर का लाभ उठायें सम्पर्क करें। डा. के.पी. द्विवेदी ‘शास्त्री’
मुख्य निदेशक अ.भा.ज्यो. विचार संस्थान (रजि.) प्रधान संपादक ज्योतिष विचार (मा.) अन्वेषक/ नामकरणकर्ता: महाकालसर्पयोग/ ग्रहण योग/ अमृत कलश (कुम्भ)
B-4/260-a, ए केशवपुरम लारेन्स रोड (मेट्रो गेट नं.2 के सामने) नई दिल्ली-110035
फोन:- 011-45721373 व 65100018, मोबाईल:- 9999835932, 9313065409, 9350140953, 9868336566, 9213516697
नोट:- संस्थान द्वारा व्यापक जनहित में शुभ तिथियों पर काल सर्पयोग का निवारण, (अनुष्ठान/प्रयोग) करवाये जाते हैं। आप दिनांक एवं स्थान, फोन करके सुनिश्चित कर ले।
कालसर्पयोग के (निवारण) के बाद
(निवारण) के बाद यही योग वरदान बन जायेगा। कन्या को मन चाहा वर प्राप्त होगा। जीवन में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त हो जायेंगी अप्रत्याशित लाभ होगा जो कभी आपने कभी सोचा भी न हो क्योंकि यह राजयोग है राजा के समान सुखों को प्रदान करता है। यह अति विशिष्ट व्यक्तियों (जातकों) को ही होता है। तो आपकी गणना अति विशिष्ट में है। नेता/ अभिनेता/ खिलाड़ी प्रधानमंत्री/ राष्ट्रपति/ उपराष्ट्रपति/ राज्यपाल अधिकांशतः उपरोक्त को यह योग होता है। तभी उच्च पद प्राप्ति कर पाते हैं। जो पूजन निवारण प्रयोग करा लेते है। उनके लिए अवसरो के दरवाजे खुल जाते है उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है।